मुर्गी पालन (कुक्कुट विकास)

मुर्गी पालन (कुक्कुट विकास)

उद्देश्य
  • प्रदेश वासियों में कुपोषण दूर करने के लिये अण्डे और चिकन के माध्यम से प्रोटीन की आपूर्ति करना।
  • ग्रामीण स्तर पर क्लस्टर के माध्यम से किसानों की आय को बढाना।
  • सीमान्त और लघु किसानों के बीच उद्यमिता को प्रोत्साहित करना।
सुविधायें
  • इस के तहत राज्य के चार चयनित जिलों में 800 गामीण परिवारों के क्लस्टर विकास के माध्यम से पोल्ट्री विकसित करना।
  • मदर यूनिट के माध्यम से प्रत्येक लाभार्थी को एक बैच में 200 पक्षियों की दर से दो बार में कुल 400 एल.आई. टी. पक्षी के चूजे (नर एवं मादा 50ः50) दिये जायेंगे।दूसरे बैच में चूजों का वितरण 18 महिने बाद किया जायेगा।
  • समूह को समय पर चूजे,दवाईयां, अच्छी गुणवत्ता का मुर्गी दाना उपलब्ध करवाना एवं समूह में तैयार माल का बाजार में विपणन करवाकर मुर्गीपालकों को उस का लाभ दिलवाना।
पात्रता
  • प्रदेश का कोई भी चयनित कुक्कट पालक
आवेदनः
  • निकटतम राजकीय कुक्कुट संथान/पशु चिकित्सा संस्थान
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
  • परियोजना के माध्यम से वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक 800 ग्रामीण परिवारों को लाभान्वित किया जाना है।