फसल बीमा

फसल बीमा

उद्देश्य
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के द्वारा कम वर्षा, विपरीत मौसमी परिस्‍थतियों तथा अन्‍य प्राकृतिक कारणों जैसे सूखा, बाढ, जलभराव, कीट- व्‍याधि, प्राकृतिक आग, बिजली गिरना, ओलावृष्टि एवं बेमौसमी वर्षा से फसलों की उपज में होने वाले नुकसान से कृषकों को सुरक्षा प्रदान की जाती है।
निर्धारित प्रीमियम
  • फसलों का बीमा कराने पर खरीफ मौसम हेतु बीमित राशि का 2 प्रतिशत, रबी मौसम हेतु 1.5 प्रतिशत तथा उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलों हेतु 5 प्रतिशत प्रीमियम राशि देनी होगी।
पात्रता
  • सभी वे कृषक जिन्‍होंने अधिसूचित क्षेत्र के लिए अधिसूचित फसल की बुवाई की है।
फसलों का बीमा करवाने की प्रक्रिया
  • कृषि ऋण लेने वाले कृषकों के लिये योजना की अनिवार्यता कर दी गई है। वित्तीय संस्थान से फसली ऋण लेने वाले कृषकों को लिखित में खरीफ के लिये 8 जुलाई तक तथा रबी में 8 दिसम्बर तक बैंक को फसलों का बीमा नही करने हेतु सूचित करना होगा अन्यथा बैंक द्वारा अनिवार्य आधार पर बीमा कर दिया जायेगा।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा प्राप्त करने के इच्छुक गैर-ऋणी किसान निकटम बैंक शाखा/ सहकारी समिति/ अधिकृत चैनल पार्टनर/जन सेवा केंद्र ( सीएससी)/ बीमा कम्पनी या उनके अधिकृत एंजेट से सम्पर्क कर सकते है या निर्धारितत तिथि के अंतर्गत स्वयं राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल https://www.pmfby.gov.in पर आॅनलाईन आवेदन फार्म भर सकते है।
  • गैर ऋणी किसानों को अधिसूचना अनुसार भू-अभिलेख, आधार कार्ड, बोई हुई फसल का प्रमाण पत्र ( कृषि या राजस्व विभाग के कार्मिकों द्वारा जारी), मालिक से घोषणा पत्र/ अनुबंध ( पट्टे की भूमि के मामले में ), बैक पास बुक काॅपी जमा कराना अनिवार्य होगा।
  • बीमित राशि गत 7 वर्षों के जिला स्तर के उपज में से सर्वश्रेष्ठ 5 वर्षों के उपज के औसत को न्यूनतम समर्थन मूल्य से गुना के अनुसार तथा जिन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित नहीं है उनके लिए बाजार भाव से गुणा कर तय की गयी है।
कवर की गई जोखिम
  • फसलों की बुवाई/बुवाई न कर पाने/ असफल अंकुरण जोखिम: बीमित क्षेत्र में कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसम/ मौसमी दशाओं के कारण बुवाई / पौध रोपण / अंकुरण न होने से हुई हानि से सुरक्षा प्रदान करना ।
  • खड़ी फसल ( बुवाई से कटाई तक ): सूखा, शुष्क स्थिति / बाढ़, जलप्लावन, व्यापक रूप से कीटों व रोगों के प्रभाव, भूस्खलन, प्राकृतिक कारणों से आग, आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि तथा चक्रवात जैसे रोके न जा सकने वाले जोखिमों के कारण उपज नुकसान को आच्छादन करने के लिए व्यापक जोखिम बीमा आवरण प्रदान किया जाता है।
  • फसल कटाई के उपरान्त नुकसान: यह प्रावधान ओलवृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती वर्षा और बेमौसम वर्षा होने की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर खेत में काटकर व फलाकर / छोटे गठ्ठरों में बांधकर सुखाने हेतु रखी गई फसलों को फसल कआई के पश्चात् केवल 14 दिनों की अधिकतम अवधि में हानि होने की स्थिति में संरक्षण प्राप्त है।
  • स्थानीय आपदाएं: योजना के तहत स्थानीयकृत जोखिम / आपदाओं यथा ओलावृष्टि, भ-स्खलन, जलभराव, बादल फटने तथा अधिसूचित इकाई अथवा किसी खेत के हिस्से पर बिजली गिरने के कारण प्राकृतिक आग लगने से फसल को होने वाले नुकसान को व्यक्तिगत किसानों के खेत के स्तर पर बीमा सुरक्षा प्रदान की गयी है।
अधिसूचित फसलों की सूची
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ के लिए अधिसूचित फसलें बाजरा, ज्वार, मक्का, मूंग, मोठ, ग्वार, चंवला, उडद, अरहर, सोयाबीन, तिल, धान कपास एवं मंूगफल बीमा ईकाई क्षेत्र- तहसील / पटवार मंडल
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी के लिए अधिसूचित फसलें गेहूं, जौ, चना, सरसों, तारामीरा, जीरा, धनिया, इसबगोल, मैथी, रबी, मक्का एवं मसूर बीमा ईकाई क्षेत्र- तहसील / पटवार मंडल
2020-21 में जिलेवार अधिसूचित बीमा कम्पनी का विवरण
क्र सं बीमा कंपनीका नाम आवंटित जिले
1 एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड, जयपुर बाड़मेंर, झुन्झुनू, करौली, उदयपुर
2 एसबीआई जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, जयपुर चूरू, भीडवाडा, राजसमन्द, दौसा, झालावाड़, श्रीगंगानगर, अलवर
3 बजाज एलाईज जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, जयपुर अजमेर, जालौर, सवाईमाधोपुर, कोटा
4 एच.डी.एफ.सी. एगों जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, जयपुर सीकर, जैसलमेंर, टोंक
5 रिलांयस जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, जयपुर बांसवाडा, नागौर, भरतपुर, जयपुर, पाली, प्रतापगढ़
6 यूनिर्वसल साॅम्पो जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, जयपुर बीकानेर, चित्तौडगढ़, सिरोही
7 फ्यूचर जनरली इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, जयपुर बूंदी, डंूगरपरु, जोधपुर
  • कृषकों की उपज में कमी के आधार पर अधिसूसचित बीमा कंपनीद्वारा सीधे ही बीमा क्‍लेम कृषकों के खाते में जमा किया जायेगा।
वैधता
  • चालू वित्तीय वर्ष