कृषक कल्याण कोष
किसान भाईयो के लिए ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस‘ की तर्ज पर ‘ईज ऑफ डूइंग फार्मिग‘ की ओर पहला बड़ा कदम उठाते इुए 1 हज़ार करोड़ रुपये का ‘कृषक कल्याण कोष‘ (के-3) के गठन की घोषणा 2019-20 के बजट में की गई थी। अब यह कोष दो हजार करोड रूपए का होगा।
कृषक कल्याण कोष गठन के मुख्य उदेश्य एवं कार्य निम्नानुसार है-
- उत्पादन से विपणन तक के क्रियाकलापों जैसे कृषि उपज के फसलोत्तर प्रबन्ध भण्डारण, परिवहन, श्रेणीकरण, वेक्सिंग, पैक करने, प्रसंस्करण, विक्रय और निर्यात के संबंध में अध्ययन, सेमिनारे, कार्यशालायें, प्रदर्शनियां और प्रशिक्षण आयोजित करना।
- उपर उल्लिखित क्रियाकलापों के आयोजकों को प्राइवेट ऐजेन्सियों, स्वशाषी निकायों और सहकारी सोसाइटियों के साथ संयुक्त रूप से वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना।
- फलों, सब्जियों को सम्मिलित करते हुए कार्बनिक रूप से उत्पादित कृषि वस्तुओं के और औषधियों वनस्पितियों के विपणन को बढावा देना।
- विपणन क्रियाकलापों को बढावा देने की द्ष्टि से मण्डी यार्ड के भीतर और बाहर अवसरंचना का विकास करना
- उपर्युक्त क्रियाकलापों को बढावा देने के लिए नवीनतम वैज्ञानिक और तकनीकी उपस्कारों के उपयोग को बढावा देना।
- नई विपणन युक्तियों जैसे भावी मण्डियों ई कामर्स इत्यादि को बढावा देना।
- कृषि उपजों के सीधे विपणन को बढावा देना।
- कार्बनिक उपजों के पैक करने प्रमाणन, लेबल लगाने और विपणन के विकास
- कृषि उपजों के विपणन को बढावा देने की द्ष्टि से फूड पार्क, कृषि क्लिनिक और कृषि कारोबार केन्द्रो के विकास को बढावा देना और
वस्तु विनिर्दिष्ट मण्डियों का विकास करना।
इस राशि में से 1500 करोड रू कृषि विभाग को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के राज्यांश प्रिमीयम भुगतान हेतु व पशुपालन विभाग को वेटनरी चिकित्सालयों के भवन निर्माण हेतु राशि 80 करोड रूपये हस्तानान्तरीत की गई है। इस प्रकार 1580 करोड रूपये का उपभोग किया जा चुका है।