विधुत प्रभार/सौर ऊर्जा अनुदान

विधुत प्रभार/सौर ऊर्जा अनुदान

उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति, 2019 के अन्तर्गत् पूंजी एवं ब्याज अनुदान का लाभ लेने वाली नयी/विस्तारीकरण/विविधिकरण/ आधुनिकीकरण परियोजनाओ की संचालन लागत को कम करना है। इससे योजना के अन्तर्गत प्रतिपादित विभिन्न परिलाभो के त्वरित एवं अधिकतम अंगीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा तथा राज्य में आपूर्ति एवं मुल्य श्रृंखला के विकास को गति मिलेगी। क्षेत्रीय, लिंग एवं वर्ग के अपेक्षाकृत कम संलिप्त रहने वाले व्यक्तियों एवं युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जायेगा।

अनुदान
  • विद्युत प्रभार अनुदानः इस नीति के तहत पूंजी अनुदान का लाभ लेने वाली इकाईयांे को 1 रू. प्रति किलो वाट की दर से अधिकतम 2 लाख प्रतिवर्ष प्रति इकाई अधिकतम 5 वर्ष तक विद्युत प्रभार का पुनर्भरण किया जाएगा।
  • सौर ऊर्जा अपनाने पर वित्तीय सहायताः इस नीति के अंतर्गत पूंजी अनुदान का लाभ लेने वाले उद्यमियांे को सौर ऊर्जा सयंत्र की लागत का 30 प्रतिषत अधिकतम 10 लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता/पूंजी अनुदान देय होगा।
पात्रता :
  • इस नीति के तहत पूंजी अनुदान का लाभ लेने वाली इकाईया हि विद्युत प्रभार/ सौर ऊर्जा अनुदान के लिए योग्य होंगी।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
  • वित्तीय सहायता प्राप्त करने के इच्छुक आवेदकों को वेब-लिंक http://rajkisan.rajasthan.gov.in/ पर आॅन-लाईन पंजीकरण कराना होगा।
  • पंजीकरण आधार कार्ड से करना होगा
  • पंजीकरण के पष्चात् आवेदक को आगे के काॅलम व पृष्ठों में चाही गई सूचना भरनी हैं।
  • अगला पृष्ठ शुरु करने से पूर्व प्रत्येक पृष्ठ की सूचना को सुरक्षित करना होगा।
  • सभी दस्तावेंज/सूचनाए जहाॅ भी अपलोड किये जाने हैं विहित साइज में ही करें।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
  • एक उद्यम व्यावसायिक रूप से उत्पादन षुरू करने की तिथि से अधिकतम 5 वर्ष की अवधि में, अधिकतम 10 लाख रुपये की सीमा में, विद्युत प्रभार अनुदान या सौर ऊर्जा अपनाने दोनों सहायता में से किसी एक सहायता का लाभ ले सकता है।
  • उद्यम जो परियोजना आरंभ होने के बाद के चरण में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का विकल्प अपनाते है वह उस विकल्प को देते समय पूर्व में भुगतान किये गये विद्युत प्रभार अनुदान को घटाकर शेष सहायता राषि के लिए पात्र होंगे।
  • विद्युत अनुदान का पुर्नभरण इकाई द्वारा व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने/सेवा प्रदान करने का प्रमाण प्रस्तुत करने के पश्चात् ही किया जायेगा।
  • व्यक्ति/उद्यमी जिनके द्वारा राजस्थान कृषि प्रसंस्करण कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात योजना 2019 के अन्तर्गत पूजीं अनुदान लिया गया हो, विद्युत प्रभार अनुदान हेतु पात्र होगें ।
  • विद्युत अनुदान का पुर्नभरण इकाई द्वारा व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने/सेवा प्रदान करने का प्रमाण प्रस्तुत करने के पश्चात् ही किया जायेगा।
  • ब्याज एवं विद्युत प्रभार अनुदान परियोजना पूर्ण होने एवं परियोजना का संयुक्त निरीक्षण करने के पश्चात् ही स्वीकृत किये जायेंगे।
वैधता
  • यह नीति दिनांक 12 दिसंबर 2019 को लागू की गयी एवं इसकी अवधि 31 मार्च 2024 तक मान्य होगी