प्रदेश में उपलब्ध प्रजनन योग्य मादा पशुओं में अस्थाई बांझपन (ताव/मद में नहीं आना, जननांगों में सूजन/संक्रमण, खनिज लवण/तत्वों की कमी, हारमोन्स की कमी अथवा असंतुलन इत्यादि) की वजह से बहुसंख्या में मादा पशु अस्थाई बांझपन से ग्रसित होकर पशुपालक के लिए अनार्थिक एवं अनउत्पादक हो जाते है। ऐसे पशुओं का यथोचित उपचार करके उन्हे उत्पादक पशुओं की श्रेणी में लाकर पशुपालकों की आय मे वृद्धि करना इस योजना का प्रमुख उद्देष्य है।
सुविधायें
बांझ निवारण शिविर कार्यक्रम।
पात्रता
समस्त पशुपालन।
आवेदनः
पशुपालन को नजदीकी विभागीय पशु चिकित्सा संस्थान में संपर्क करना होगा।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
प्रत्येक जिले में समस्त प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयों व पशु चिकित्सालयों द्वारा अपने कार्यक्षेत्र मे प्रत्येक माह 2 अर्थात वर्ष में 24 बांझ निवारण शिविर का आयोजन तथा जिला मुख्यालय पर स्थापित प्रत्येक बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय द्वारा प्रत्येक माह में एक अर्थात वर्ष में 12 बांझ निवारण शिविर आयोजित किए जाकर आवश्यक्तानुसार यथोचित उपचार करने के पश्चात कृत्रिम गर्भाधान द्वारा गर्भधारण करवाया जाता है।