पूंजीगत निवेश अनुदान

पूंजीगत निवेश अनुदान

उद्देश्य
  • कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण की नई इकाईयों की स्थापना के साथ-साथ वर्तमान में स्थापित इकाइयों के विस्तार, विविधीकरण तथा आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।
  • प्रसंस्करण एवं अवसंरचना ईकाईयो के स्तर में वृद्वि करना ।
  • छीजत में कमी करना,, मूल्य संवर्धन करना, ।
  • कृषकों की आय में वृद्वि के साथ निर्यात को बढ़ावा देना ।
  • कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का समग्र विकास करना ।
अनुदान
  • कृषक या उनके संगठनों को सहायता:- नई इकाईयों की स्थापना या वर्तमान इकाईयों के विस्तार एवं आधुनिकीकरण/ उन्नयन करने पर प्लांट मषीनरी तथा तकनीकी सिविल कार्य पर किये गये व्यय पर 50 प्रतिषत, अधिकतम रुपये 100 लाख की सीमा तक अनुदान देय होगा।
  • (कृषक या उनके संगठन के अतिरिक्त) अन्य पात्र व्यक्ति को सहायता:- नई इकाईयों की स्थापना या वर्तमान इकाईयों को विस्तार एवं आधुनिकीकरण/उन्नयन करने पर प्लांट मषीनरी तथा तकनीकी सिविल कार्य पर किये गये व्यय पर 25 प्रतिषत अनुदान अधिकतम रुपये 50 लाख की सीमा तक अनुदान देय होगा।
  • राज्य सरकार द्वारा घोषित मेगाफूड पार्क/कृषि समूहों की इकाइयों तथा रीफर वाहन:- प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना, एकीकृत उद्यानिकी विकास मिषन ;डप्क्भ्द्धए राष्ट्रीय बागवान बोर्ड, तथा केन्द्र सरकार की योजनाओं के तहत राज्य में राज्य सरकार द्वारा घोषित मेगाफूड पार्क/कृषि समूहों की इकाइयों तथा रीफर वाहन स्वीकृत एवं स्थापित पात्र नई इकाईयों को संबंधित मंत्रालय द्वारा अनुमोदित प्लांट मषीनरी एवं तकनीकी सिविल कार्य की लागत पर 10 प्रतिषत की दर से अधिकतम रुपये 50 लाख तक का अतिरिक्त पूंजी निवेष अनुदान देय होगा। यह सीमा कृषक व उनके संगठनों के लिए 100 लाख रू. होगी।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्र/एकत्रीकरण केन्द्र हेतु पूंजी अनुदान सहायताः-राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड/एकीकृत उद्यानिकी विकास मिषन/खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, भारत सरकार/एकीकृत कृषि विपणन योजनाओं के अन्तर्गत स्वीकृत फल व सब्जी की परियोजनाओं या राज्य सरकार द्वारा घोषित अन्य वस्तुओं/क्रियाकलापों के लिए स्वीकृत पात्र परियोजनाओं के अन्तर्गत नई इकाई स्थापना पर प्लांट मषीनरी एवं तकनीकी सिविल कार्यों के व्यय पर 10 प्रतिषत की दर से अधिकतम रुपये 50 लाख तक का अतिरिक्त पूंजी निवेष अनुदान देय होगा। यह सीमा कृषक या उनके संगठनों के लिये 100 लाख रूपये होगी।
पात्रता
  • कोई भी व्यक्ति, कृषकों/उत्पादकों के समूह, कृषक उत्पादक संगठन/कृषक उत्पादक कम्पनी जो संबंधित कम्पनी अधिनियमों/सहकारी समिति अधिनियम/सोसायटी अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं और जिसमें किसान सदस्यों की न्यूनतम संख्या 50 हो, भागीदारी/स्वत्वधारी फर्म/सीमित दायित्व भागीदारी फर्म, कम्पनियों, निगम, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), सहकारी समितियाॅ, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण में संलिप्त सहकारी विपणन संघ, इस नीति के अन्तर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र होगे।
आॅनलाइन आवेदन प्रक्रियाः
  • वित्तीय सहायता प्राप्त करने के इच्छुक आवेदकों को वेब-लिंक http://rajkisan.rajasthan.gov.in/ पर आॅन-लाईन पंजीकरण कराना होगा।
  • पंजीकरण आधार कार्ड से करना होगा
  • पंजीकरण के पष्चात् आवेदक को आगे के काॅलम व पृष्ठों में चाही गई सूचना भरनी हैं।
  • अगला पृष्ठ शुरु करने से पूर्व प्रत्येक पृष्ठ की सूचना को सुरक्षित करना होगा।
  • सभी दस्तावेंज/सूचनाए जहाॅ भी अपलोड किये जाने हैं विहित साइज में ही करें।
अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु
  • 100 लाख लागत तक की परियोजनाओं के लिए निर्णय जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला स्तरिय छानबीन एवं स्वीकृति समिति द्वारा 100 लाख लागत तक की परियोजनाओं के लिए निर्णय प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरिय छानबीन एवं स्वीकृति समिति द्वारा लिया जायेगा।
  • पंूजी अनुदान क्रेडिट लिंक्ड है, ओैर अनुदान कि राषि कि गणना तकनीकि सिविल कार्य और प्लांट एवं मषीनरी के मूल्य के अनुसार की जाती है, नीतिगत के आधार पर कि जाती है ।
  • रूपये 100 लाख तक की परियोजनाओं को पूर्ण करने की अवधि 18 माह तथा उससे अधिक लागत की परियोजनाओं की अवधि 24 माह होगी।
  • प्रवर्तक/उद्यमी द्वारा गलत या असंगत तथ्यों के प्रस्तुतीकरण के आधार पर अनुदान प्राप्त किये जाने पर वह अनुदान राशि वापस करने को उत्तरदायी होगा।
  • पूंजीगत निवेष अनुदान राषि बैंक एन्डेड रूप से नियमानुसार समायोजन हेतु ऋण प्रदाता बैंक षाखा को उपलब्ध करायी जायेगी।
  • तीन वर्ष के लाॅक-इन अवधि में इकाई के बंद हो जाने या बैंक ऋण के एन.पी.ए. हो जाने पर अनुदान की राषि नियमानुसार ऋण खाते में समायोजन हेतु उपलब्ध नहीं हो सकेगी।
वैधता
  • यह नीति दिनांक 12 दिसंबर 2019 को लागू की गयी एवं इसकी अवधि 31 मार्चए 2024 मान्य होगी